चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने यह साबित करने के लिये कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस पार्टी को भंग करना चाहते थे, आज विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों के समक्ष दस्तावेज पेश किये। उनके मंत्रिमंडल में नगर निगम प्रशासन एवं ग्रामीण विकास मंत्री के.पी मुनुसामी ने कल एक चर्चा के दौरान कहा था कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता मिलने के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहते थे।
विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने उनसे यह साबित करने की मांग की थी। इसी संदर्भ में जयललिता ने आज ‘दी कलेक्टेड वक्र्स ऑफ महात्मा गांधी-वाल्यूम 90’ के कुछ अंश पढ़े। उन्होंने पढ़ा, ‘‘बंटवारे के बावजूद भारत को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से अपनाये तरीकों से राजनैतिक स्वतंत्रता मिल चुकी है, अब कांग्रेस का उसके वर्तमान स्वरूप में (एक प्रोपगेंडा के मंच और संसदीय यंत्र के तौर पर) समय से अधिक वक्त तक इस्तेमाल हो चुका है।’’
कांग्रेस के सदस्यों एस.विजयधरानी और प्रिंस ने कल दावा किया था कि महात्मा गांधी ने कभी इस संदर्भ में कुछ नहीं कहा। लेकिन जयललिता की ओर से आज यह दस्तावेज पेश किये जाने के बाद कांग्रेस के सदस्य निरुत्तर हो गये।
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