Friday, May 10, 2013

राईट-टू-रिकाल( right to recall) क्या है ?


मैं आपको बताता हूँ कि राईट-टू-रिकाल( right to recall) क्या है | इसको में एक उदहारण से समझाने का प्रयास करता हूँ. माना आपके शहर में कुछ व्यवसायी अपना व्यापार करते है | वे अपने ग्राहको को अच्छी सेवा देने का प्रयास करते है, और ग्राहको का पूरा ध्यान रखते है | ताकि उनके ग्राहक खुश रहे , और उनका धंधा चलता रहे | उनके मन में ग्राहकों के नाराज होने का डर बना रहता है . क्योंकि इससे उन्हें नुकसान होगा | और अब आप कल्पना कीजिए शहर में एक कंपनी आ जाती है. और शहर के सभी व्यवसाय पर कब्जा कर लेती है | और वह व्यवसायी जो अब तक स्वतंत्र रूप से काम कर रहा था. उन्हें कम्पनी कर्मचारी के रूप में रख लेती है और वे कम्पनी के लिए कार्य करने लगते है | अब वे अब कम्पनी को खुश करने के लिए काम करेगे. ताकि उनकी तरक्की हो | अब उनके मन कम्पनी का डर है. क्योंकि कम्पनी उन्हें निकाल सकती है | यहाँ नौकरशाही(bureaucracy) , व्यवसायी के समान है और सरकार कंपनी के समान है. नौकरशाही सरकार को खुश रखने के लिए काम करती है. क्योकि सरकारी कर्मचारी जानता है कि उसे सिर्फ सरकार को खुश रखना है | अब 30 वर्षो के लिए उसकी नौकरी पक्की है. वह अब अपनी मनमानी कर सकता है | इस कर्मचारी को जनता के दुख दर्द कि चिंता नहीं रहती है क्योंकि जनता उसके खिलाफ सीधे कार्यवाही नहीं कर सकती है.क्योंकि इस कर्मचारी के मन में जनता का डर नहीं है | हमेशा याद रखिये डर आदमी को अनुशासित रखता है. राईट-टू-रिकाल का कानून इसी डर को पैदा करता है. यह एक लटकती हुई तलवार है,जिससे कर्मचारी गलत काम करने से डरेगा | इस कानून तहत किसी भी क्षेत्र कि जनता(voter), सरकारी कर्मचारी से असंतुष्ट होने पर कर्मचारी को निकाल सकती है | राईट-टू-रिकाल का कानून A, B,स्तर(level) कि नौकरशाही(bureaucracy). नेताओं, और सभी न्यायाधीशों पर लागू होना चाहिये | कई लोग शंका करते है कि इससे पूरी प्रशासनिक व्यवस्था अस्थिर हो जायेगी. परन्तु यह शंका बेकार है. ये सब बहाने बाज़ी है. मुझे लगता है कि इसकी सबसे ज्यादा खिलाफत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा ही होगी . वे भले सामने न आये. परन्तु इस कानून से उन्हें परेशानी होगी. वे इसका विरोध करने के लिए कई अच्छे लोगो को आगे भेजेगी. जिन पर जनता विशवास कर सके. यह कानून अमेरिका में लागू है | अभी तक इस कानून प्रयोग अमेरिका में 100 वर्षो में 4 बार (लगभग) ही किया गया है. और अगर यह राईट-टू-रिकाल का कानून अमेरिका सफलता पूर्वक काम कर सकता है तो फिर यहाँ क्यों नहीं करेगा. मुझे तो इसमें कोई दिक्कत दिखाई नहीं देती है. इस कानून की विशेषता यह होगी कि इससे प्रशासन की शक्ति का केंद्रीकरन नहीं होगा | हमेशा याद रखिये शक्ति का केंद्रीकरन होगा तो उसका दुरपयोग होगा, और आज कल के सूचना -क्रांति के समय में इसे बहुत अच्छे तरीके लागू किया जा सकता है | माना आप अपने जिले के किसी अधिकारी से खुश नहीं है. तो जिले के नागरिक उस अधिकारी के खिलाफ राईट-टू-रिकाल के तहत वोटिंग का प्रस्ताव ला सकते है | यदि अधिकारी के खिलाफ अधिक वोट डाले जाते है तो उस अधिकारी नौकरी से निकाला जा सकता है | इस कानून के अंतर्गत यह नियम होना चाहिए कि अगर जिले के 30% या उससे अधिक वोटर राईट-टू-रिकाल लाने के लिए सहमत है . तभी इसका उपयोग होगा | आज कल में टीवी पर सुनता रहता हूँ. लोकपाल से भष्टाचार ख़त्म हो जाएगा. ये सब फालतू की बाते है | यह सब आपको भर्मित किया जा रहा है ये सब आप को राईट-टू-रिकाल की तरफ आपका ध्यान न जाये इस लिए लोकपाल , जनलोकपाल , राईट-टू-रिजेक्ट, जेसे बेकार कानूनों आगे लाया जा रहा है. यह बहुत बड़ी साजिश हो रही | क्योंकि सोचिये लोकपाल, जनलोकपाल बेकार कानूनों को इतनी मीडिया कवरेज केसे मिल रही है | यह सब मुक्त में नहीं हो रहा है | लोकपाल, जनलोकपाल जेसे सभी क़ानून शक्ति को केन्द्रित कर रहे है | और जानकारी के लिए यहाँ http://www.righttorecall.info/301.h.pdf पर आप login कर सकते है. यहाँ आपको राईट-टू-रिकाल के बारे विस्तृत जानकारी मिलेगी. आपके दिमाग के सारे भ्रम दूर हो जायेगे. इसके आलावा विकिपीडिया पर भी सर्च कर सकते है.| मेरे ब्लॉग लिखने का मकसद है कि आप लोग अपने आसपास के लोगो को राईट-टू-रिकाल के बारे में बताये . और राईट-टू-रिकाल कानून बनवाने का प्रयास करे.| इस कानून का बनना बहुत मुश्किल है परन्तु असंभव नहीं है. क्योकि यह व्यवस्था का चरित्र बदलने जेसा काम है. क्योकि इसके बनने के बाद प्रशासन को अपनी आदते बदलनी पड़ेगी. असली लोकतंत्र असली राईट-टू-रिकाल (right-to-recall) के बाद ही आयेगा | यही हर समस्या का उपाय है, बाकी सब बकवास |

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