Friday, May 10, 2013

Of-course, result of Karnataka is shocking& upsetting 4 any nationalist / patriot,


“Jai Guru Dev” “Ashuddh DanviAhar (Mansahar) ka parityag kar Shuddh Shakahari bane” Of-course, result of Karnataka is shocking& upsetting 4any nationalist/patriot, if anti-national Cong comes in power in anyway. But in forthcoming Parliamentary Election Cong must go out. BJP's attitude was not just with Yeddyurappa, Hence BJP has got such negative results. It's not positive voting 4 Cong(anti-national). Sonia Gandi must commit suicide , there's no alternative.Otherwise, she 'd be given death penalty after forthcoming parliamentary election. Unfortunately, by virtue it looks that there is no govt at all in the centre. Prime responsibility of govt is 2 provide justice & security 2 all it’s citizens, but it failed 4 last more than 60 years. .--DrKrantivir (Swadeshi-Swabhimani & Cong hatao desh bachao Manch)

Narendra Modi as PM 2address national, international (US, Pak & China's matter), socio-economic , cultural & political issues.


“Jai Guru Dev” “Ashuddh DanviAhar (Mansahar) ka parityag kar Shuddh Shakahari bane” We need Narendra Modi as PM to address the national, international (US, Pak & China's matter), socio-economic , cultural & political issues. Now, we patriots should b very happy that Hon’ble Supreme Court has attacked over d neck (CBI / Parrot) of Demon(Cong). Now it's clear that, it'l no more survive . PM(Puppet Man) italian dyen ka puupet ban-kar jaise desh ko chala raha isko chalana kahte hain ? Desh ka bedagark kar diya, aam kya khas (elite) ka bhi jeena dubhar kar diya. Siva luteron ko chhodkar. Only fair politics is politics otherwise dirty politics is pollutics which is responsible 4 d deterioration of the nation, national culture. BJP has got 40 seats without Yedyurappa & how many Yedyu? Yedyu is not in double digit even 10 without BJP. BJP & Yedyu both r responsible 4this loss/ damage. .--DrKrantivir (Swadeshi-Swabhimani & Cong hatao desh bachao Manch)

Deshdrohi Congression ne Narendra Bhai Modiji k khilaf gumrah to nahi kiya hai?


“Jai Guru Dev” “Ashuddh DanviAhar (Mansahar) ka parityag kar Shuddh Shakahari bane” Bharatvasion Desh-bhakt bano! aur apna Rashtradharm nibhao. Rashtradharm hi sabse bada dharm hai, aur Rashtra devta hi sabse bade devta. Kya baat hai? Kya adhyatm me nishtha rakhne wale Rashtra Sant Narendra Bhai Modiji ka chehra dekhne ka saubhagya apko nahi mila ? yadi haan to chale jaiye Gujrat aur dekh aiye Gir k sher ko. Apko Narendra Bhai Modiji k chehre me koi kami ki ashanka to nahi? Kahin kisi deshdrohi Congression ne apko Modiji k khilaf gumrah to nahi kiya hai? Narendra Modi namka Gir Sher Bharat Maa ka dulara hai aur Bharat Maa ka har sachcha saput Modiji se bahut pyar karta hai. Deshdrohi, lutere, dalal unse nafrat karte hain, Lekin Modiji ko keval deshbhkton ka saath chahiye. DrKrantivir VDS, (Swadeshi-Swabhimani & Cong hatao desh bachao Manch)

राईट-टू-रिकाल( right to recall) क्या है ?


मैं आपको बताता हूँ कि राईट-टू-रिकाल( right to recall) क्या है | इसको में एक उदहारण से समझाने का प्रयास करता हूँ. माना आपके शहर में कुछ व्यवसायी अपना व्यापार करते है | वे अपने ग्राहको को अच्छी सेवा देने का प्रयास करते है, और ग्राहको का पूरा ध्यान रखते है | ताकि उनके ग्राहक खुश रहे , और उनका धंधा चलता रहे | उनके मन में ग्राहकों के नाराज होने का डर बना रहता है . क्योंकि इससे उन्हें नुकसान होगा | और अब आप कल्पना कीजिए शहर में एक कंपनी आ जाती है. और शहर के सभी व्यवसाय पर कब्जा कर लेती है | और वह व्यवसायी जो अब तक स्वतंत्र रूप से काम कर रहा था. उन्हें कम्पनी कर्मचारी के रूप में रख लेती है और वे कम्पनी के लिए कार्य करने लगते है | अब वे अब कम्पनी को खुश करने के लिए काम करेगे. ताकि उनकी तरक्की हो | अब उनके मन कम्पनी का डर है. क्योंकि कम्पनी उन्हें निकाल सकती है | यहाँ नौकरशाही(bureaucracy) , व्यवसायी के समान है और सरकार कंपनी के समान है. नौकरशाही सरकार को खुश रखने के लिए काम करती है. क्योकि सरकारी कर्मचारी जानता है कि उसे सिर्फ सरकार को खुश रखना है | अब 30 वर्षो के लिए उसकी नौकरी पक्की है. वह अब अपनी मनमानी कर सकता है | इस कर्मचारी को जनता के दुख दर्द कि चिंता नहीं रहती है क्योंकि जनता उसके खिलाफ सीधे कार्यवाही नहीं कर सकती है.क्योंकि इस कर्मचारी के मन में जनता का डर नहीं है | हमेशा याद रखिये डर आदमी को अनुशासित रखता है. राईट-टू-रिकाल का कानून इसी डर को पैदा करता है. यह एक लटकती हुई तलवार है,जिससे कर्मचारी गलत काम करने से डरेगा | इस कानून तहत किसी भी क्षेत्र कि जनता(voter), सरकारी कर्मचारी से असंतुष्ट होने पर कर्मचारी को निकाल सकती है | राईट-टू-रिकाल का कानून A, B,स्तर(level) कि नौकरशाही(bureaucracy). नेताओं, और सभी न्यायाधीशों पर लागू होना चाहिये | कई लोग शंका करते है कि इससे पूरी प्रशासनिक व्यवस्था अस्थिर हो जायेगी. परन्तु यह शंका बेकार है. ये सब बहाने बाज़ी है. मुझे लगता है कि इसकी सबसे ज्यादा खिलाफत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के द्वारा ही होगी . वे भले सामने न आये. परन्तु इस कानून से उन्हें परेशानी होगी. वे इसका विरोध करने के लिए कई अच्छे लोगो को आगे भेजेगी. जिन पर जनता विशवास कर सके. यह कानून अमेरिका में लागू है | अभी तक इस कानून प्रयोग अमेरिका में 100 वर्षो में 4 बार (लगभग) ही किया गया है. और अगर यह राईट-टू-रिकाल का कानून अमेरिका सफलता पूर्वक काम कर सकता है तो फिर यहाँ क्यों नहीं करेगा. मुझे तो इसमें कोई दिक्कत दिखाई नहीं देती है. इस कानून की विशेषता यह होगी कि इससे प्रशासन की शक्ति का केंद्रीकरन नहीं होगा | हमेशा याद रखिये शक्ति का केंद्रीकरन होगा तो उसका दुरपयोग होगा, और आज कल के सूचना -क्रांति के समय में इसे बहुत अच्छे तरीके लागू किया जा सकता है | माना आप अपने जिले के किसी अधिकारी से खुश नहीं है. तो जिले के नागरिक उस अधिकारी के खिलाफ राईट-टू-रिकाल के तहत वोटिंग का प्रस्ताव ला सकते है | यदि अधिकारी के खिलाफ अधिक वोट डाले जाते है तो उस अधिकारी नौकरी से निकाला जा सकता है | इस कानून के अंतर्गत यह नियम होना चाहिए कि अगर जिले के 30% या उससे अधिक वोटर राईट-टू-रिकाल लाने के लिए सहमत है . तभी इसका उपयोग होगा | आज कल में टीवी पर सुनता रहता हूँ. लोकपाल से भष्टाचार ख़त्म हो जाएगा. ये सब फालतू की बाते है | यह सब आपको भर्मित किया जा रहा है ये सब आप को राईट-टू-रिकाल की तरफ आपका ध्यान न जाये इस लिए लोकपाल , जनलोकपाल , राईट-टू-रिजेक्ट, जेसे बेकार कानूनों आगे लाया जा रहा है. यह बहुत बड़ी साजिश हो रही | क्योंकि सोचिये लोकपाल, जनलोकपाल बेकार कानूनों को इतनी मीडिया कवरेज केसे मिल रही है | यह सब मुक्त में नहीं हो रहा है | लोकपाल, जनलोकपाल जेसे सभी क़ानून शक्ति को केन्द्रित कर रहे है | और जानकारी के लिए यहाँ http://www.righttorecall.info/301.h.pdf पर आप login कर सकते है. यहाँ आपको राईट-टू-रिकाल के बारे विस्तृत जानकारी मिलेगी. आपके दिमाग के सारे भ्रम दूर हो जायेगे. इसके आलावा विकिपीडिया पर भी सर्च कर सकते है.| मेरे ब्लॉग लिखने का मकसद है कि आप लोग अपने आसपास के लोगो को राईट-टू-रिकाल के बारे में बताये . और राईट-टू-रिकाल कानून बनवाने का प्रयास करे.| इस कानून का बनना बहुत मुश्किल है परन्तु असंभव नहीं है. क्योकि यह व्यवस्था का चरित्र बदलने जेसा काम है. क्योकि इसके बनने के बाद प्रशासन को अपनी आदते बदलनी पड़ेगी. असली लोकतंत्र असली राईट-टू-रिकाल (right-to-recall) के बाद ही आयेगा | यही हर समस्या का उपाय है, बाकी सब बकवास |

भारत में नारी का स्थान


भारत में नारी का स्थान हमारे शास्त्रो में बहुत अच्छा है. परन्तु वास्तविक स्थिति बिलकुल अलग है . जहाँ तक मैने अनुभव किया है. एक पुरुष का अपनी माँ, बहन, पत्नी, बेटी से अलग-अलग व्यवहार करता है. इसके पीछे दकियानुसी मानसिकता काम कर रही है. इसके लिए भी हमारी समाजिक व्यवस्था जिम्मेदार है. जेसे लड़की को विवाह के ससुराल जाना पड़ता है. लड़का वंश को आगे ले जाता है. मुझे यह समझ में नहीं आता हम किस वंश की बात करते है अगर हमारे यहाँ कोई पुत्र पैदा होता है तो उसमे माता पिता दोनों रक्त होता है. जो की अलग-अलग परिवारों से होते है . आज समाज में दहेज प्रथा से महिलाओं का शोषण हो रहा है. मेंने अपने आसपास एसी महिलाओं को देखा है, जिन्हें अपने अधिकार तक नहीं पता है जिन्हें अपने घर के अलावा कुछ नहीं पता. इसमें उनके माता - पिता का दोष है जिन्होंने उन्हें पढ़ाया लिखाया नहीं. क्योकि उन्हे लगता था की पढ़ाई करके क्या करेगी. अशिक्षा ने उन्हें गुलाम बना दिया उन्हें घर पर रहने के मजबूर कर दिया है. उनके सारे सपने घर में बंद हो गए है. यह एक तरह का मानसिक शोषण है जो उन्हें अशिक्षा के कारण झेलना पड़ रहा है . आज हम भारत के विकास की बड़ी बड़ी-बाते करते है जबकि देश की आधी आबादी को हम उनका सही हक तक नहीं दे सकते तो ये सभी दावे खोखले है . देश का विकास तब तक नहीं हो जब तक महिलाओं को उनका उचित अधिकार न मिले. हम भारत को अमेरिका बनाना चाहते है परन्तु क्या आपने कभी अमेरिकी और भारतीय महिलाओं की तुलना कर के देखा है. दकियानुसी सोच बदलिए. ज्यादातर पुरुष महिलाओं को खुद से निम्न का समझते है परन्तु ये यह नहीं समझते की उनकी माता भी महिला है वे हवा मै प्रकट नहीं हुए है. महिलाओं निम्न को समझने वालो की जान कारी के लिए सिर्फ यह बताना चाहता हूँ विज्ञान के अनुसार महिलाये पुरुषो से ज्यादा विकसित है . जहाँ तक उच्च और निम्न होने का सवाल है, मेरा मकसद यह समझना है कि भारत का विकास महिलाओं के विकास के बिना संभव नहीं , हम देश कि आधी आबादी को अनदेखा कर विकास कि कल्पना नहीं कर सकते है .