One should not bow before sin or sinner nor to run away being frightened from the sinners, criminals, wrong elements, anti social, anti national elements; but should orgnise the effected people and fight against the injustice very bravely.
Dr. V.D. SHARMA (Gandhian Thinker)
Om. Now, the time has come to follow the Gandhian Path/principles to resolve the socio-economic, cultural, political & patriotic problems- inequality, illiteracy, unemployment, poverty, hunger, malnutrition,beggary, flesh-trading, untouched-ability, violence (terrorism, nuxalism), amicably faced by our countrymen but the world community. Rest of the models applied by the governments have failed. - Dr. Krantivir
ReplyDeleteॐ. भाई बुद्ध पाल जी! यदि आपलोग वास्तव में पूज्य बाबा राम देव जी के भारत स्वाभिमान के समर्पित और अनुशासित कार्यकर्ता हैं तो कृपया गाँधी बाबा/महात्मा जी के विरुद्ध अनुचित अमर्यादित भाषा का प्रयोग न करें. इससे आमजनमानस व् धार्मिक जनता की भावना आहत होती है और लोग भारत स्वाभिमान से जुड़ने के बजाये कटेंगे.ये बाबा राम देव जी के आदर्शो/ मर्यादाओं व् उनके मिशन के खिलाफ है. बाबा राम देव जी गाँधी बाबा को अपना आदर्श मानते हैं. बाबा ने "हिंद स्वराज" व् "मेरे सपनों का भारत" पढ़ा है. उन पुस्तकों की आम तौर पे चर्चा भी करते हैं. "स्वदेशी की विचार धारा" , "पतंजलि ग्रामोद्योग योजना" व् बाबा की लिखित पुस्तक "हमारे सपनों का भारत" गाँधी बाबा/ महात्मा से पूरी तरह से प्रेरित है. गाँधी बाबा का अपमान भारत स्वाभिमान की नीतियों सिद्धांतों का घोर विरोध है. हाँ जवाहर लाल नेहरु जरुर भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा गद्दार , देशद्रोही था. भारत माँ के बंटवारे में जवाहर का सबसे बड़ा हाथ था.बहुत ही विश्वसनीय शोधकर्ताओं का मत है क़ि गाँधी बाबा समेत बहुत से राष्ट्रवादियों क़ी हत्या में जवाहर व् बाद क़ी हत्याओं में उनकी कथित बेटी इंदिरा प्रिदार्शिनी का हाथ बताया जाता है. यदि ऐसा नहीं था तो गाँधी बाबा व् शास्त्री जी जैसी महान विभूतियों क़ी लाश का पोस्ट मार्टम क्यों नहीं कराया गया? नेहरुद्दीन खानदान के गाँधी खानदान बनने /बनाने के पीछे भी बहुत बड़ा षड्यंत्रकारी ( देश के भोले भले आम आदमी को ठगने की) साजिशपूर्ण कहानी है. जवाहर ने १४ ऑगस्ट १९४७ को माउन्ट बेटन से दुर्भाग्यपूर्ण काली संधि (ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर) करके भारत क़ी आज़ादी पे ग्रहण लगा दिया. इस बात क़ी जानकारी गाँधी बाबा को हो गई थी इसलिए गाँधी बाबा दुखी होके नोवाखाली (अफ्रीका) चले गए थे. और बुलाने पे भी नहीं आ रहे थे . वे पार्टीशन व् काली संधि के विरुद्ध थे. सदस्यता अभियान चलाके ४करोड़ भारतीयों को कांग्रेस का मेम्बर बनाने वाले गाँधीबाबा ने जब देखा कि कांग्रेस उनके अनुशासन से बाहर हो गई है उसपे अंग्रेजी परस्त जवाहर एंड पार्टी ने नाजायज तरीके से कब्जा कर लिया है तो वे कांग्रेस को काफी पहेले भंग करने का सुझाव भी दे डाले थे. गाँधी बाबा क़ी हत्या के पीछे अनेक कारणों में ये भी एक महत्वपूर्ण कारण था. -- डॉ क्रांतिवीर
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ReplyDeleteॐ "जय गुरु देव" "वन्देमातरम" "जयतु भारती" "शाकाहार सर्वोत्तम आहार" (मांसाहार राक्षसी आहार)
भारतीय आम जनमानस सहित सारी दुनिया का ध्यान असल सामाजिक - आर्थिक, सांस्कृतिक व् राष्ट्रीय मुद्दों- गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, कुपोषण, अशिक्षा, आत्महत्या, कालाधन , भ्रष्ट व्यवस्था व् भ्रष्टाचार से हटाने हेतु सत्ता व् व्यवस्था के शीर्ष पे बैठे हुए देशद्रोही, गद्दार कांग्रेसी आये दिन पालतू कुत्तों (गुंडे, मवालिओं, आतंकवादिओं) से दंगे फसाद करते/ कराते रहते हैं. अभी२ असम, बेंगलोर, मुंबई, लखनऊ आदि देश के दुसरे स्थानों के दंगे कांग्रेस द्वारा प्रायोजित हैं. राष्ट्रवाद के प्रतिक बन चुके योग पुरोधा, योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज द्वारा छेड़े गए धर्मयुद्ध ( कालाधन, भ्रष्टाचार, भ्रष्ट व्यवस्था के विरुद्ध) से केंद्र की पापी सरकार की चूलें इतनी बुरी तरह से हिल गई हैं क़ि सरकार को सन्निपात हो गया है. और अब ये सरकार किसी भी हद तक जा सकती है. प्रिंट व् इलेक्ट्रोनिक (भांड) मीडिया को तो इसने पहले से खरीद ही रखा है. कुछ सोशल मीडिया के लोगों को भी खरीद रखा है, लेकिन भारी संख्या में सोशल मीडिया वाले देशभक्त व् क्रांतिकारी हैं ,जिन्हें किसी भी कीमत पे ख़रीदा नहीं जा सकता है.ऐसे में ये धूर्त बेईमान देशद्रोही गद्दार व् लुटेरे कांग्रेसी (कुछ दुसरे दलों के लोगों को गुमराह करके उनका समर्थन लेकर ) देशभक्त सोशल मीडिया पे प्रतिबन्ध लगाने पे आमादा हैं . ऐसे देश्द्रोहिओं से गिन २ व् चुन2 के बदला लेना है. ऐसे एक भी देशद्रोही गद्दार को अबकी लोकसभा में नहीं जाने देना है. स्वामी रामदेव जी के "कांग्रेस भगाओ( हटाओ). देश बचाओ" के नारे को साकार करना है. -- डॉ. क्रांतिवीर
OM राजीव DIXITJI बताते है की अगर दुनिया मास खाना बंध कर दे तो इस दुनिया में इतना अनाज पैदा हो रहा है की वो सारी दुनिया के एक- एक ब्यक्ति का तो पेट भर ही देगा इसके बराबर की दूसरी दुनिया और पैदा हो जाये तो भी सबका पेट भर देगा | सारी दुनिया में अभी ६५० करोड़ लोग है अगर मास खाना दुनिया में बंध हो जाये और मास उद्योग पर ताला लग जाये तो जितना अनाज आज पैदा हो रहा है ये १३०० करोड़ लोगो के लिए परियाप्त हो जायेगा | जानवरों कतल करने से पहले इनके सरीर में मास बड़ाने के लिए वो जानवरों को अनाज खिलाते है | मास उत्पादन करने वाली कंपनिया जानवरों को मनुष्य का भोजन करवाती है और वही भोजन की कमी हजारो लाखो लोगो को भूख से मार देती है | भारत जैसे देशो में कुल उत्पादित अनाज का ४०% जानवरों को खिलाया जाता है और अमेरिका जैसे देशो में ७०% खिलाया जाता है | मतलब दुनिया औसतन आधा अनाज जानवरों को खिलाकर उनको मोटा बनाकर फिर उनका मास कुछ लोग खाते है , इससे अच्छा वो अनाज सीधा लोग खाए तो कोई भूखा नही रहेगा |
ReplyDeleteOM.पुरे देश को colgate,closeup,pepsodent के नाम पर ज़हर बेचा जा रहा है | लेकिन देश की भ्रष्ट सरकार और बिका हुआ मीडीया अपने मुँह में फ़ैवीकोल डाल कर बैठे हैं। इनको सिर्फ़ दूध,घी,मावा आदि में ही जहर नजर आता हैं । वो भी दिवाली के दिनो में तकि विदेशी कंपनियो का माल बिके । लेकिन ये अमेरिकन कंपनिया पिछले 40,40 साल से देश के लोगो को ज़हर बेच रही है. वो सरकार और मीडीया को दिखाई नहीं देता । लेकिन हमारा आपका और सच्चे देश भगत का ये फ़र्ज बनता हैं । इस सच को देश की आम जनता तक पहुँचाये ।
ReplyDeleteplease click here watch and share this
video.!!!!!!!!!!
http://www.youtube.com/watch?v=oga46f4op8U
और एक खास ख़बर । क्या आप जानते है ?
11 sept 2011 को (DIPRAS)
Delhi institute of Pharmaceutical science and research में बड़ी-बड़ी कंपनियों के toothpastes को चेक किया गया । जिसमें nicotine पाया मिला है ।
और 1 ग्राम toothpaste में 8 सिगरेट जितना nicotine पाया गया है ।मतलब सुबह उठते आपने 1 ग्राम toothpaste आपने मुँह में घुमाया तो 8 सिगरेट जितना nicotine आपके अंदर | और एक खास बात इन विदेशी toothpastes में (Fluoride) 1000 PPM से ज्यादा पाया जाता है । और पुरी दुनिया के dentist इस बात
से सहमत है कोई भी toothpaste जिसमें (fluoride) होता और 1000 PPM से ज्यादा होता है । वो toothpaste फ़िर toothpaste नहीं रहता जहर हो जाता है ।
और एक खास बात इसमे Dicalcium Phosphate डाला जाता है । Dicalcium Phosphate का मतलब ही होता है " ( जानवरों की हड्डी का चुरा)", और इसमे "Sodium Loreyal Sulphate की मात्रा इतनी ज्यादा है, की आपको कैन्सर होकर ही रहेगा ।
इसलिए आप लोग इस विदेशी कंपनी का toothpaste न इस्तेमाल करें और इसे भारत से भगाएँ। इसके स्थान पर आप विको बज्रदंती, डाबर, नीम, एंकर, मिसवाक, बबूल, प्रॉमिस, सहारा, दंतकान्ति, लाल दंत मंजन, बैद्यनाथ, अजंता आदि इस्तेमाल कर
सकते हैं। इसे आपका स्वास्थ्य पर भी की प्रभाव नहीं पड़ेगा और स्वदेशी को भी बढ़ावा मिलेगा ।
"अब इसमे कोई टेक्नालजी नहीं है, इसे भारत का इस्तेमाल कर विदेशी लूट से देश को बचा सकते हैं।"
यहाँ click कर एक बार video भी देखे। आपको पुरी तस्सली हो जायेगी ।
http://www.youtube.com/watch?v=oga46f4op8U
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने श्रीमद्भागवत् गीता के अंशों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। उन्होंने यह घोषणा अकस्मात् नहीं की। पहले अध्ययन किया और फिर विशेषज्ञों से राय मांगी। विशेषज्ञों में मैनेजमेंट गुरु, शिक्षाविद और समाजसेवी शामिल थे। सभी पक्षों और संदर्भों की सलाह लेकर श्री चौहान ने गीता के अंशों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद कुछ सेकुलरों के सीने पर सांप लोट गया। इन सेकुलरों ने कुछ रटे शब्द ‘भगवाकरण’, ‘सांप्रदायिकता’, ‘आरएसएस एजेण्डा’ आदि को लपेटकर छाती पीटना शुरू कर दी। वे मुख्यमंत्री की घोषणा और गीता दोनों के विरोध में उतर आए। देश में सेकुलरों की यह जमात वही है जो एक जमाने में अंग्रेजों का समर्थन करती थी, जिसने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था।
ReplyDeleteजब भारत की स्वतंत्रता समीप आ गई तो यह मुस्लिम लीग का समर्थन करके भारत के विभाजन का समर्थन करने लगे। कोई पूछे इन सेकुलरों से कि अखंड भारत की बात करना धर्म निरपेक्षता है या जाति धर्म के आधार पर देश के विभाजन का समर्थन धर्म निरपेक्षता है। इतने पर भी मन नहीं भरा तो इनमें से कुछ लोगों ने 1962 में चीन के आक्रमण का भी समर्थन किया। कहने का अर्थ केवल इतना है कि देश के कुछ सेकुलर भारत की संस्कृति, भारत की अस्मिता, भारत के संस्कार और भारतीय ज्ञान के सदैव विरोधी रहे हैं। वे भारत के स्वाभिमान के विरुद्घ अभियान चलाते हैं और सेकुलरिज्म के नाम पर कम्युनल राजनीति करते हैं। गीता मानवीय प्रबंधन, सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक संतुलन और कर्म-कर्त्तव्य (वर्क एण्ड ड्यूटी) के प्रति एकाग्रता एवं समर्पण का अद्भुत संदर्भ है।
संसार में किसी एक पुस्तक पर सर्वाधिक शोध, हुआ है तो वह गीता है। दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं जिसके विद्वानों ने गीता की अपने ढंग से व्याख्या न की हो। भारत के अतिरिक्त दुनिया के कोई दर्जन भर देश हैं जो अपने यहां मैनेजमेन्ट की पढ़ाई में गीता के संदर्भों का इस्तेमाल करते हैं। भारत के तमाम मैनेजमेन्ट गुरु गीता का बिना नाम लिए गीता के सूत्रों का उपयोग करके कोचिंग करते हैं। गीता के सूत्रों को लोग गीता का बिना नाम लिए कैसे इस्तेमाल करते हैं इसका उदाहरण फिल्म ‘थ्री-इडीयट’ का सबसे पापुलर गाना ‘आल इज वेल’ है। आल इज वेल का मतलब ‘सब अच्छा है’ यह वाक्यांश गीता के तीन वाक्यों का संक्षिप्तीकरण है पहला ‘जो हुआ वह अच्छा हुआ’। दूसरा, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है’ और तीसरा, जो ‘होगा वह भी अच्छा होगा’ यदि हम इन तीन वाक्यों को संक्षिप्त कर तीन शब्दों में कहे तो यही बनेगा ‘सब अच्छा है’। क्या आमिर खान इस फिल्म के माध्यम से कोई भगवा एजेण्डा लागू करना चाहते हैं। यह लोगों को अच्छा लगा। गीता में ‘प्राणी’, ‘मनुष्य’, ‘विश्व’ और संसार जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। इसका अर्थ है कि गीता का संदेश पूरे संसार के प्राणियों के लिए और पूरे विश्व के मनुष्यों के लिए हैं। आज इक्कीसवीं सदी में मनुष्य ने ‘पूरी दुनिया एक गांव’ की कल्पना की है लेकिन गीता में इससे कदम आगे पूरे विश्व को ‘एक कुटुम्ब’ माना है। यदि किसी पुस्तक में पूरे विश्व को कुटुम्ब माना गया हो, प्रत्येक प्राणी, प्रत्येक मनुष्य को अवसाद से मुक्त होकर अपने कर्म-कर्त्तव्य में जुटने की प्रेरणा दी गई हो तब उसे कैसे किसी एक देश, एक धर्म या किसी एक जाति का ग्रंथ माना जा सकता है। जो सेकुलर लोग गीता को किसी धर्म, जाति या देश की सीमा में बांधकर देखते हैं सबसे पहले गीता उन्हीं को पढ़ना चाहिए ताकि उनके सोच की नकारात्मकता दूर हो, मन बड़ा हो और वे विश्व की विराटता का दर्शन कर सकें।
OM. KUMBH MELE ME NAHATE WAQT MAHILAON KI PHOTO KHICHNA/ CHHAPNA KOI BURA NAHI HAI, JARA NAHANE WALIAN V UNKE APNE LOGAN BHI TO USE DENKHNE WO KAISE KIS TARAH (NAGI/ARDHNAGI) NAHATI HAIN?-DrKRANTIVIR
ReplyDeleteOM. BEING GANDHIAN THINKER (ECONOMIST) FEW SUBMISSION FROM MY SIDE- (1) -ECONOMIC REFORM NOT ECONOMICAL REFROM (2)- BHARAT CAN NEVER BE REPLACED BY INDIA. (3)- RECONSIDER Re1=1 DOLLAR (4)- ABOLISH & RECALLTHE BIG CURRENCIES Rs100/- & ABOVE.(5)- EACH & EVERY VILLAGE SHOULD BE DEVELOPED AS A NATION(GAON GANRAJYA) (6)- SOCIO-ECONOMIC, CULTURAL& POLITICAL DEVELOPMENT WITH SWADESHI MODEL NOT WITH WASTE MODEL OF WEST. (7)- COMPLETE EXPULSION OF FOEIGN BASED MNCs FROM BHARAT.(8)- CANCELLATION OF UNFORTUNATE BLACK AGREEMENT( TRANSFER OF POWER AGREEMENT) TOOK PLACE BETWEEN NEHRUDDIN & BETON ON 14th AUG 1947, (9)- ABOLISION OF ALL BRITISH LAW/ACTs (RULE) RIGHT FROM INDIAN POLICE ACT, LAND AQUSISION ACT etc. SUCH REFORMS WILL CHANGE THE SOCIO-ECONOMIC & POLITICAL SCENARIO OF BHARAT.- DR. KRANTIVIR
ReplyDeleteगाय का घी(देशी भारतीय नस्ल की गौ माता )
गाय के घी को अमृत कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है।
दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है।
सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।
नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जा
ता है।गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है।
20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
गाय के घी की झाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।
सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन संतुलित होता है यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है।
देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ठीक हो जाता है
गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
विशेष :-स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से सोने से पहले दोनों नशिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना ) देसी गाय का घी डालिए ,गहरी नींद आएगी, खराटे बंद होंगे और अनेको अनेक बीमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।
Economic Reform in real sense:-
ReplyDelete• The Economical Reforms to be taken towards making better BHARAT :
1. Bring back black money
2. Re-valuate exchange rate
3. Black money conversion
4. Cancel G.A.T.T. Agreement
5. Abolish slavery taxes
6. Ban zero technology products
7. Reservation for cottage, rural and S.S.I.
8. Decentralization of heavy industries
9. Production by Masses
10. Export of surplus Items only
11. Ban on Importing Goods
12. Ending of export of meat
13. Processing of agricultural produce
14. 80% Villages Industry be financed
15. Producing every item being imported
16. Impose Tax on Riches at local level
17. Only technical collaboration
18. Traditional industries and professions
19. Encouragement to "SWANAND" quality
20. Training to unemployed
OM . "VANDE-GO-MATRAM" PLZ LET US TRY TO FOLLOW AUR ANCIENT & HEALTHY TRADITIONAL IDEOLOGY OF OUR FOREFATHERS SPECIALLY MAHAVIR SWAMII, " LIVE & LET LIVE ". LIVE EGGS (PREPARED WITH WORST BLOOD & URINE OF HEN & COCK) IS THE SIMILAR TO HUMAN FETUS & OTHERS R SIMILAR TO M.C. OF HENS. HAVE THE PIOUS FOOD FREE FROM EGG, MEAT/FLESH & FISH OF ANIMALS, BIRDS & HUMAN BEINGS. WE R NEITHER DEMON NOR GENERATION OF DEMONS.-- DrKRANTIVIR VDS – 9919883533
ReplyDeleteOM . SWAYAM YOGESHWAR KRISHNA BHI HH YOG RISHI PP SWAMI RAM DEV JI MAHARAJ K ROOP ME AA CHUKE HAIN. MAHABHARAT PURN HOKAR RAHEGA AUR KAURAVON/DANVON KA VINASH BHI DHRUV SATYA HAI, USE KOI ROK NAHI SAKTA HAI.- DrKRANTIVIR VDS
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